आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "khum khana e javed volume 002 lala sri ram ebooks"
नज़्म के संबंधित परिणाम "khum khana e javed volume 002 lala sri ram ebooks"
नज़्म
उरूस-ए-शब की ज़ुल्फ़ें थीं अभी ना-आश्ना ख़म से
सितारे आसमाँ के बे-ख़बर थे लज़्ज़त-ए-रम से
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
क्यूँ ज़ियाँ-कार बनूँ सूद-फ़रामोश रहूँ
फ़िक्र-ए-फ़र्दा न करूँ महव-ए-ग़म-ए-दोश रहूँ
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
छोड़ दे मुतरिब बस अब लिल्लाह पीछा छोड़ दे
काम का ये वक़्त है कुछ काम करने दे मुझे
असरार-उल-हक़ मजाज़
नज़्म
झुटपुटे का नर्म-रौ दरिया शफ़क़ का इज़्तिराब
खेतियाँ मैदान ख़ामोशी ग़ुरूब-ए-आफ़्ताब
जोश मलीहाबादी
नज़्म
जिन्हें सहर निगल गई, वो ख़्वाब ढूँढता हूँ मैं
कहाँ गई वो नींद की, शराब ढूँढता हूँ मैं